भर्जन: सान्द्रित अयस्क को परावर्तनी भट्टी में उसके गलनांक के नीचे नियन्त्रित वायु की उपस्थिति में इतना गर्म किया जाता है कि बिना पिघले आक्सीकृत हो जाए ।परावर्तनिया भट्टी में निम्न लिखित अभिक्रिया होती है।
- अयस्क में उपस्थिति सल्फर आर्सेनिक एंटीमनी की अशुद्धियां आक्सीकृत होकर अपने वाष्पशील आक्साइड के रूप में बाहर निकल जाता है।
- कॉपर पाइराइट का क्यूपर्स सल्फाइड व फेरस सल्फाइड में आंशिक आक्सीकरण हो जाता है
- क्यूपर्स सल्फाइड तथा फेरस सल्फाइड भी आंशिक रूप से Cu2O तथा FeO आक्सीकृत हो जाते है