मानक संभवन पूर्णोष्मा

Standard enthalpy of formation

लिथियम फ्लोराइड के लिये बॉर्न-हैबर (Born-Haber) आरेख जिसमें मानक संभवन पूर्णोष्मा दिखाया गया है। किसी यौगिक के संभवन (formation) के समय उसके १ मोल के निर्माण में होने वाला पूर्ण ऊष्मा परिवर्तन (change of enthalpy) उस यौगिक का मानक संभवन पूर्णोष्मा (standard enthalpy of formation) या मानक संभवन ऊष्मा (standard heat of formation) कहलाता है। यौगिक का निर्माण उसमें मौजूद तत्त्वों से होना चाहिये, तथा सभी पदार्थ अपने मानक अवस्था में तथा १ वायुमण्डलीय दाब पर होने चाहिये। मानक संभवन पूर्णोष्मा को ΔHfO या ΔfHO से दर्शाया जाता है। इस निरूपण में आने वाला थीटा (या शून्य) यह दिखाता है कि प्रक्रिया मानक स्थितियों में दिये हुए ताप पर (प्रायः 25 डिग्री सेल्सियस या 298.15 K) हुई है। मानक अवस्थाएं निम्नलिखित हैं-

गैस के लिये : 1 वायुमण्डलीय दाब किसी आदर्श विलयन में घुले हुए विलेय के लिये : सान्द्रण 1 mole/liter, दाब १ वायुमण्डलीय For a pure substance or a solvent in a condensed state (a liquid or a solid): the standard state is the pure liquid or solid under a pressure of 1 atm For an element: the form in which the element is most stable under 1 atm of pressure. One exception is phosphorus, for which the most stable form at 1 atm is black phosphorus, but white phosphorus is chosen as the standard reference state for zero enthalpy of formation.

उदाहरण के लिये, कार्बन डाई आक्साइड की मानक संभवन पूर्णोष्मा, निम्नलिखित अभिक्रिया की पूर्णोष्मा के बराबर होगी। (उपरोक्त स्थितियों के अन्तर्गत)

C(s,graphite) + O2(g) → CO2(g) सभी तत्व अपने मानक अवस्था में लिखे जाते हैं, तथा 1 मोल उत्पाद का निर्माण होता है। यह सभी संभवन पूर्णोष्माओं के लिये सत्य है।


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