परमाणु एक दूसरे के साथ अलग-अलग तरीकों से जुड़कर बड़ी संख्या में अणु बना सकते हैं। वास्तव में एक अणु में परमाणुओं के बीच रासायनिक बंधनों का वर्णन अनिवार्य रूप से एक अणु में परमाणुओं के नाभिक के आसपास इलेक्ट्रॉन वितरण का वर्णन है। अणुओं में तीन मुख्य प्रकार के बंधन होते हैं।
Types of Chemical Bond
आबंध के प्रकार
सामान्यतः रासायनिक आबन्ध को तीन भागों में विभाजित किया जाता है-
1. आयनिक बन्ध
यह बन्ध आयनों के मध्य आकर्षण से बनता है। आयनिक बंध तब उत्पन्न होता है जब एक या एक से अधिक वैलेंस इलेक्ट्रॉनों को एक परमाणु से दूसरे में स्थानांतरित किया जाता है, जिसके परिणामस्वरूप सकारात्मक और नकारात्मक रूप से चार्ज किए गए आयन बनते हैं।
2. सहसंयोजक आबन्ध
इलेक्ट्रॉन के समान साझा से बनता है। वह बंधजो समान या विभिन्न तत्वों के परमाणुओं के बीच इलेक्ट्रॉनों के पारस्परिक बंटवारे से उत्पन्न होता है। H2 अणु का बनना सहसंयोजक बंध निर्माण का मामला है।
3. उपसहसंयोजक आबन्ध
इलेक्ट्रॉन के असमान साझेदारी से बनता है। उपसहसंयोजक आबन्ध तब उत्पन्न होता है जब दोनों साझा इलेक्ट्रॉनों को केवल एक परमाणु द्वारा प्रदान किया जाता है, जिसे दाता के रूप में जाना जाता है। एक उपसहसंयोजक आबन्ध केवल गठन के तरीके में सहसंयोजक आबन्ध से भिन्न होता है। एक बार एक उपसहसंयोजक आबन्ध बन जाने के बाद, इसे सहसंयोजक आबन्धसे अलग करने का कोई तरीका नहीं है।
सन 1927 में हिटलर तथा लंदन ने विपरीत इलेक्ट्रान चक्रणों के युग्मन तथा उदासीनीकरण पर आधारित सिद्धांत बनाया । हिटलर तथा लंदन के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक युग्म बंध तभी बनता है जब भाग लेने वाले इलेक्ट्रॉनों का चक्रण विपरीत दिशाओं में हो। इस प्रकार वे आबंध बनाकर अपने चक्रण का उदासीनीकरण कर लेते हैं जिससे उनकी ऊर्जा में कमी आ जाती है जो बंध को स्थायित्व प्रदान करती है ।
आधुनिक काल में रासायनिक आबंधों का वर्गीकरण निम्नलिखित प्रकार से किया जाता है- [A] प्रबल आबन्ध
[B] सहसंयोजी आबन्ध
सिग्मा आबन्ध
पाई आबन्ध
डेल्टा आबन्ध
[C] आयनिक आबन्ध
[D] धात्विक आबन्ध
[E] दुर्बल आबन्ध
हाइड्रोजन आबन्ध
[F] अन्य असंयोजी
[G] अन्य