रासायनिक अधिशोषण Chemisorption

रसोवशोषण एक प्रकार का अधिशोषण है जिसमें सतह और अधिशोषक के बीच एक रासायनिक प्रतिक्रिया शामिल है। अधिशोषक के सतह पर नई रासायनिक आबंध उत्पन्न होते हैं। इसके उदाहरण है स्थूल घटना जो कि बहुत स्पष्ट हो सकता है, जंग की तरह है, और सूक्ष्म विषम कटैलिसीस के साथ जुड़े प्रभाव शामिल हैं। अधिशोषक और सब्सट्रेट सतह के बीच मजबूत इलेक्ट्रॉनिक के कारण नये रासायनिक आबंध उतपन्न होते है।

रसोवशोषण के विपरीत फिसिसोर्सोपशण (भौतिक अधिशोषण Physical adsorption or physiorption) है जिसमें अधिशोषक के रासायनिक जातियों पर प्रभाव नहीं पडता है। विशिष्टता के कारण, रसोवशोषण की प्रकृति काफी बदल सकता हैं, जो रासायनिक पहचान और सतह की संरचना पर निर्भर करता है।

रसोवशोषण अधिशोषण से इस प्रकार अलग है-

१>अधिशोषण उन तापमान पर ही हो सकता है जो अधिशोषक के क्वथनांक से कम है। इसके विपरीत रसोवशोषण किसी भि तापमान पर हो सकता है।

२>रसोवशोषण तापमान के साथ बडता है। अधिशोषण तापमान बडने से कम हो जाता है।

३>रसोवशोषण मैं अधिशोषण से कैई गुना ज्यादा गरमी उत्पन्न होती है।

४>रसोवशोषण अपरिवर्तनीय है जबकि अधिशोषण रद्द किये जा सकते है।

जब अधिशोष्य के कण अधिशोषक के पृष्ठ पर प्रबल रासायनिक बलों के द्वारा अधिशोषित होते है तो उसे रासायनिक अधिशोषण कहते है।

जैसे-

Ag, Au, Pt पर O2 का अधिशोषण टंगस्टन पर O2 तथा CO2 का अधिशोषण Ni पर H2 का अधिशोषण