रासायनिक अभिक्रिया में एक या अधिक पदार्थ आपस में अन्तर्क्रिया (इन्टरैक्शन) करके परिवर्तित होते हैं और एक या अधिक भिन्न रासायनिक गुण वाले पदार्थ बनते हैं। किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों को अभिकारक (रिएक्टैन्ट्स) कहते हैं। अभिक्रिया के फलस्वरूप उत्पन्न पदार्थों को उत्पाद (प्रोडक्ट्स) कहते हैं। लैवासिये के समय से ही ज्ञात है कि रासायनिक अभिक्रिया बिना किसी मापने योग्य द्रव्यमान परिवर्तन के होती है। (द्रव्यमान परिवर्तन अत्यन्त कम होता है जिसे मापना कठिन है)। इसी को द्रव्यमान संरक्षण का नियम कहते हैं। अर्थात किसी रासायनिक अभिक्रिया में न तो द्रव्यमान नष्ट होता है न ही बनता है; केवल पदार्थों का परिवर्तन होता है।
परम्परागत रूप से उन अभिक्रियाओं को ही रासायनिक अभिक्रिया कहते हैं जिनमें रासायनिक बन्धों को तोडने या बनाने में एलेक्ट्रानों की गति जिम्मेदार होती है।
रासायनिक अभिक्रियाएँ कितने प्रकार की होती है।
रासायनिक अभिक्रियाएँ 5 प्रकार की होती है।
- जिन अभिक्रियाओं में दो या दो से अधिक पदार्थ मिलकर एक पदार्थ बनाते है। उसे संयोजन अभिक्रिया कहते है।
उदाहरण - 1. Cao + H2O ———> Ca(OH)2
2. कोयले का दहन
C (s) + O2 (g) ———→ CO2 (g)
3. जल का बनना
2H2 (g) + O2 (g) ———→ 2H2O (I)
2. वियोजन अभिक्रिया - ऐसी अभिक्रियाएं जिनमें एकल अभिकारक अपघटित होकर दो या अधिक उत्पादों का निर्माण करता है। उसे वियोजन अभिक्रिया कहते है। उदा. 2AgBr —sun light——–> 2Ag(g) + Cl2(g)
वियोजन अभिक्रियाएं तीन प्रकार की होती है।
ऊष्मा के द्वारा की गई वियोजन अभिक्रियाएं
उदा. 2FeSo4(s) —-energy——–> Fe2O3(s) + So2(g) + So3(g)
- जलीय वियोजन में ऊर्जा विधुत के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
उदा. H2O(I) ———–> 2H2(g) + O2(g)
- जब विमोजन के लिए प्रकाश के रूप में ऊर्जा प्रदान की जाती है।
उदा. 2AgCl —–sun light———→2Ag + Cl2
ऐसी अभिक्रियाएं जिसमें एक तत्व दूसरे तत्व को इसके जलीय विलयन से विस्थापित करता है विस्थापन अभिक्रियाएं कहलाती है।
उदा. Fe (s) + CuSo4 (aq) ———–> FeSo4 (aq) + Cu (s)
लोहें की कीलों का रंग भूरा हो जाता है। और काॅपर सल्फेट का नीला रंग फीका हो जाता है।
Zn + CuSo4 ————–> ZnSo4 + Cu
- जिंक और सीसा धातु काॅपर की अपैक्षा अभिक्रियाशील है। ये काॅपर धातु को उनके यौगिक से विघटित कर देती है।
- ऐसी अभिक्रियाएं जिनमें दो भिन्न यौगिक क्रिया करके दो नए यौगिक बनाते है।
उदा. Na2So4(aq) + BaCl2(aq) —————→ BaSo4(s) + 2NaCl(aq)
उपरोक्त अभिक्रिया के परिणामस्वरूप एक सफेद रंग का अवक्षेप बनता है।
कुछ अन्य उदा.
NaoH + H2So4 ———–> Na2So4 + H20
NaCl + AgNo3 —————–> AgCl + NaNo3
BaCl2 + H2So4 ——————→ BaSo4 + HCl
BaCl2 + KSo4 ———————> BaSo4 + KCl2
अभिक्रिया के दौरान जब किसी पदार्थ में आक्सीजन की वृद्धि या हाइड्रोजन का हा्स होता है। तो उसे अपचयन कहते है।
उदा. 2Cu + O2 —–energy——→ 2CuO
जब काॅपर को गर्म किया जाता है। तो एक काला रंग आ जाता है। जब इस काॅपर आॅक्साइड से हाइड्रोजन गैस गुजारी जाती है। तो यह दोबारा भूरे रंग का हो जाता है।
CuO + H2 ——- energy——→ Cu + H2O
- सल्फर हाइड्राइड से हाइड्रोजन का हा्स होता है। और उपचयित होता है।
H2s + Br2 ————→ 2HBr + S
- ऐसी अभिक्रिया जिनमें आॅक्सीजन का हा्स एवं हाइड्रोजन की वृद्धि होती है।
CuO + H2 ——————→ Cu + H2O
ZnO + C ———————→ ZN + CO
ऐसी अभिक्रियाएं जिसमें अभिक्रिया के दौरान एक अभिकारक उपचयित होता है। जबकि दूसरा अपचयित होता है। उसे रेडाॅक्स अभिक्रिया कहते है। दूसरे शब्दो में, जब किसी अभिक्रिया के दौरान उपचयन की क्रिया एवं अपचयन की क्रिया एक साथ होती है। उसे रेडाॅक्स अभिक्रिया कहते है।
ZnO + C ——————→ Zn + CO